Maha Kumbh me Shardha ka mahasagar, महाकुंभ में श्रद्धा का महासागर

13 जनवरी से 26 फरवरी तक  विशेष कवरेज






महाकुंभ में  उमड़ा श्रद्धा का महासागर, एक दिन में 3.5 करोड़ ने लगाई डुबकी:-

    तड़के शुरू हुआ स्नान आधी रात तक चला.. कुम्भ क्षेत्र से गंगा-यमुना और अदृश्य सरस्वती के संगम तट पर दुनिया के सबसे बड़े धार्मिक आयोजन का पहला अमृत स्नान सकुशल संपन्न हो गया। सनातन की शक्ति और वैभव का प्रदर्शन करते हुए सभी 13 अखाड़ों ने संगम में डुबकी लगाई। मंगलवार सुबह 5:15 बजे महानिर्वाणी अखाड़े से शुरू हुआ स्नान का क्रम देर शाम पूरा हुआ। मंगलवार आधी रात तक साधु-संतों और संन्यासियों सहित 3.5 करोड़ से अधिक श्रद्धालुओं ने कुम्भ क्षेत्र में डुबकी लगाई। 

    सोमवार रात से अखाड़ों में ईष्ट देव और निशानों की पूजा शुरू हुई। तिलक श्रृंगार और भस्म रमाए संन्यासियों की शोभायात्रा में सबसे आगे अखाड़ों की ध्वजा, घोड़ों पर नगाड़ा बजाते साधु और देवों की पालकियां थीं। फिर महामंडलेश्वर और अखाड़ों के पदाधिकारियों के रथ। इनके पीछे नागाओं-साधुओं की फौज त्रिशूल, भाला, गदा, तलवार लिए निकली। शैव अखाड़ों ने हर-हर महादेव, वैष्णवों ने जय सीताराम, राधेश्याम और निर्मल-उदासीन अखाड़ों ने जो बोले सो निहाल... के जयघोष के साथ संगम में प्रवेश किया। प्रशासन की ओर से हेलीकॉप्टर से हुई पुष्प वर्षा ने माहौल को भव्य बना दिया। इससे पहले कड़कड़ाती सर्दी में सड़क के दोनों ओर खड़े श्रद्धालुओं ने संतों का आशीर्वाद लिया। कुछ जगह श्रद्धालु बैरिकेड पार करके यात्रा में शामिल हो गए। घुड़सवार पुलिस को संगम घाट में उतरकर श्रद्धालुओं को हटाना पड़ा। अब अगला अमृत स्नान मौनी अमावस्या पर 29 जनवरी को होगा। 

 संतों की चरण-रज माथे लगाते रहे लोग:-

 


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